अभिनव समाज के प्रयासों से लावारिस अस्थियों को मिली मां गंगा की गोद

Unclaimed Bones Immersed Ganga

Unclaimed Bones Immersed Ganga

हरिद्वार: Unclaimed Bones Immersed Ganga: दिल्ली की अभिनव समाज सामाजिक संस्था ने शुक्रवार 17 जनवरी को हरिद्वार में 70 लावारिस अस्थियों का मां गंगा सामूहित विसर्जन किया. दिल्ली की अभिनव समाज सामाजिक संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओ ने दिल्ली के अलग-अलग श्मशान घाटों से लावारिस अस्थियों को एकत्रित किया और उन्हें लेकर कनखल स्थित सती घाट पहुंचे. सती घाट पर पूरे विधि विधान के साथ सभी अस्थियों को मां गंगा में विसर्जित किया गया. इस नेक कार्य में संस्था से जुड़ी महिला कार्यकर्ता भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं.

अभिनव समाज संस्था के अध्यक्ष जीके गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में लोग अपने परिजनों की अस्थियों को श्मशान घाट में ही छोड़ जाते हैं. श्मशान घाट में मृतकों को मोक्ष नहीं मिल पाता. लावारिस अस्थियों को मोक्ष दिलाने की उद्देश्य से ही उन्होंने अस्थि विसर्जन का बीड़ा उठाया है.

दिल्ली की सामाजिक संस्था अभिनव समाज के प्रयासों से 70 लावारिस व्यक्तियों की अस्थियों को गंगा की गोद विसर्जित किया गया. दिल्ली के विभिन्न स्थानों से एकत्र कर लाए गये 70 लावारिस व्यक्तियों के अस्थि कलश को पूर्ण विधि विधान से कनखल सतीघाट पर गंगा में विसर्जित संस्था के पदाधिकारियों ने सभी के मोक्ष की कामना की.

अभिनव समाज के संस्थापक जीके गुप्ता ने कहा कि लोगों के सूचना देने पर दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से लावारिस लोगों की अस्थियां एकत्र की जाती हैं. उन्होंने कहा कि अभिनव समाज अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करता चला आ रहा है. लावारिस व्यक्तियों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने से मन को तसल्ली मिलती है.

रिया सिंह ने कहा कि मां गंगा के आशीर्वाद से संस्था लावारिस व्यक्तियों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने का काम कर रही है. इस कार्य में संस्था के सभी पदाधिकारी व सदस्य सहयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि दाह संस्कार के उपरांत अस्थियां गंगा में विसर्जित किए जाने पर ही मृतक आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. सभी को इस प्रकार के सामाजिक कार्यो में अपना सहयोग करना चाहिए.